कोलेस्ट्रॉल Cholesterol – कोलेस्ट्रॉल वसा के जैसा एक पदार्थ है जिसका निर्माण लिवर के द्वारा होता है। कोलेस्ट्रॉल कोशिका झिल्ली, पाचन, विटामिन डी और हार्मोन के गठन के लिए आवश्यक है। यह पानी में घुलता नहीं है, इसलिए शरीर के अन्य अंगों में अपने आप नहीं जा सकता है।
शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) बढ़ना एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। यह एक गंदा पदार्थ है जो खून की नसों में जमा होता है। इसका लेवल अधिक होने से आपको दिल के रोग, नसों के रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं।
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हाई कोलेस्ट्रॉल आज के समय में काफी आम समस्या है और कई लोगों में यह समस्या देखी जाती है. 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कार्डियोवस्कुलर डिजीज से मरने वाले लोगों की दर में 34 प्रतिशत की बढ़त हुई थी. मृत्यु की दर 155 से बढ़कर 209 प्रतिशत हो गई थी. जिन लोगों की मौत हुई थी, उनमें हाई कोलेस्ट्रॉल वालों की संख्या काफी अधिक थी.
20 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी लोगों को अपने रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच प्रत्येक 5 वर्षों में कम से कम एक बार करानी चाहिए। कोलेस्ट्रॉल स्तर को मापने के लिए लिपिप्रोटीन प्रोफ़ाइल नामक एक रक्त परीक्षण कराना सर्वोत्तम है।
लिपोप्रोटीन नामक कण कोलेस्ट्रॉल को रक्त प्रवाह के माध्यम से शरीर के दूसरे अंगों में पहुंचने में मदद करता है। लिपोप्रोटीन दो तरह के होते हैं जिनमें निम्न शामिल हैं:-
– कम घनत्व वाला लिपोप्रोटीन (Low-density lipoproteins – LDL), जिसे “खराब कोलेस्ट्रॉल” भी कहा जाता है, धमनियों में जम सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे दिल का दौरा.
– उच्च घनत्व वाला लिपोप्रोटीन (High-density lipoproteins – HDL), जिसे कभी-कभी “अच्छा कोलेस्ट्रॉल” भी कहा जाता है, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को लीवर में वापस लौटाने में मदद करता है जिससे वह हटाया जा सके।
कोलेस्ट्रॉल के लक्षण –
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ऐसा माना जाता है कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कोई पक्के लक्षण नहीं होते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर हमेशा ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। हालांकि कुछ संकेत हैं जिनके जरिए आप जान सकते हैं कि आपके खून में गंदे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ गया है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण आमतौर पर तब तक दिखाई नहीं देते, जब तक कि यह किसी गंभीर समस्या का कारण नहीं बन जाता। यह जानने का एकमात्र तरीका है कि आप एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल जाने के लिए ब्लड टेस्ट कराएं। कोलेस्ट्रॉल को अनुपचारित छोड़ने से समय के साथ यह नसों में जमा हो सकता है जिससे हृदय को नुकसान पहुंच सकता है और आपको दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।
आपके चिकित्सक आपको बार-बार कोलेस्ट्रॉल की जांच कराने के लिए कह सकते हैं अगर आपका हाई कोलेस्ट्रॉल का पारिवारिक इतिहास है या यदि आपको निम्नलिखित जोखिम कारकों का अनुभव होता है –
- जी मिचलाना
- सुन्न होना
- अत्यधिक थकान
- सीने में दर्द या एनजाइना
- सांस लेने में कठिनाई
- हाथ-पांव में सुन्नपन या ठंडक
- हाई ब्लड प्रेशर
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण
खुराक –
कुछ सैचुरेटेड फैट जो पशु उत्पादों में पाए जाते है और ट्रांस फैट जो बिस्कुट व चिप्स में पाए जाते हैं, आपके कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा सकते हैं। पूर्ण-वसायुक्त डेयरी उत्पादों से आपका कुल कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ सकता है।
व्यायाम की कमी –
व्यायाम करने से आपका एचडीएल या “अच्छा” कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है और एलडीएल बनाने वाले कणों के आकार में वृद्धि होती है जो इसे कम हानिकारक बनाता है।
धूम्रपान –
धूम्रपान करना आपकी रक्त वाहिकाओं की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनमें फैट जमने की संभावना बढ़ जाती है। धूम्रपान आपके एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम कर सकता है।
मोटापा –
30 या उससे अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) होने से आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ जाता है।
क्या खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है
अंडे की जर्दी में लगभग 186 mg कोलेस्ट्रॉल होता है. इसलिए अंडे की जर्दी के सेवन से बचना चाहिए. चीज़ में भी अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है, मोंटेरे जैक चीज़ 21 ग्राम के एक टुकड़े में 18.7 mg कोलेस्ट्रॉल होता है. झींगे में भी इसकी अच्छी-खासी मात्रा होती है. झींगे के 4-औंस में 170 mg कोलेस्ट्रॉल होता है. फास्ट फूड में फ्राइड फैट मौजूद होता है, इसमें अधिकतर किसी-न-किसी प्रकार का पशु उत्पाद शामिल होता है, जो आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है.
कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा फैटी पदार्थ है, जो शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है. लिवर लिवर द्वारा निर्मित कोलेस्ट्र्रॉल कोशिकाओं को टूटने से बचाता है, साथ ही यह हार्मोन और विटामिन के उत्पादन में मदद करता है. शरीर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल, पशु-आधारित खाद्य पदार्थों के सेवन से आता है. कोलेस्ट्रॉल सभी कोशिकाओं में घूमता है, ऐसे में इसकी अधिक मात्रा आपके शरीर, विशेष रूप से आपके हृदय पर बुरा प्रभाव डाल सकती है. बैड कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा मात्रा के कारण खतरा बढ़ता है.