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टाइफाइड(Typhoid) क्या है?

टाइफाइड(Typhoid) क्या है – आंत्र ज्वर, जिसे आमतौर पर टाइफाइड के नाम से जाना जाता है, उसमे साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया होता है।इससे फूड प्वाइजनिंग होती है।दूषित भोजन और पानी से संक्रमण फैलता है। यदि आप टाइफाइड से पीड़ित किसी व्यक्ति के निकट संपर्क में आते हैं तो भी आपको यह रोग हो सकता है। खराब स्वच्छता भी इस जानलेवा बीमारी का कारण बनती है।

टाइफाइड(Typhoid) क्या है?
टाइफाइड(Typhoid) क्या है?

टाइफाइड बुखार, जिसे आंतों का बुखार भी कहा जाता है, साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है।इन लक्षणों के साथ इसकी शुरुआत होती है बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, कब्ज और मांसपेशियों में दर्द। टाइफॉयड के दो प्रमुख लक्षण (Symptoms of Typhoid) बुखार और लाल चकत्ते(Rashes) हैं। यह आपके जीवन के लिए घातक हो सकता है।

बारिश के मौसम में आपको जगह-जगह गड्ढों में गंदा पानी जमा होते नजर आ रहा होगा। जिसमें मच्छर और मक्खियां पनपते रहते है जिसके कारण बीमारियों का खतरा वैसे ही बढ़ा हुआ होता है। और इसपर जब आप ऐसे मौसम में बाहर कुछ खाने पीने जाते हैं, तो इंफेक्शन का रिस्क और भी दोगुना ज्यादा बढ़ जाता है। जब इस तरह का परहेज नहीं किया जाता है, तब आप बाहर के अनहाइजीनिक खाने या पानी पी लेने से टाइफाइड, पीलिया जैसी बीमारियों का आसानी से शिकार हो जाते हैं।

टाइफाइड(Typhoid)

टाइफाइड एक गैस्ट्रोइंटेस्टिनल इंफेक्शन है, जो साल्मोनेला टाइफी नाम के बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होता है। ये बैक्टीरिया आपके मुंह के जरिए आपकी आंतों में चला जाता है। फिर वहां से ब्लड के माध्यम से पूरे शरीर में छुप जाता है, जहा इसका पता आपके इम्यून सेल्स भी नहीं लगा पाते। खाने-पीने की चीजों के साथ शरीर में जाने के अलावा ये बैक्टीरिया किसी संक्रमित व्यक्ति के मल से उसके चारों तरफ होने वाली पानी की आपूर्ति को भी दूषित कर सकती है। जिसकी वजह से ये किसी और व्यक्ति के संपर्क में भी आ सकता है।

टाइफॉयड के कारण(Causes of Typhoid)

  • बिना हाथ धोए भोजन को छूना।
  • दूषित जल स्रोत से समुद्री भोजन खाना।
  • दूषित शौचालय का उपयोग करना।
  • फर्टिलाइज़्ड कच्ची सब्जियां खाना।
  • दूषित दूध उत्पादों का सेवन।
  • दूषित मानव अपशिष्ट के सम्पर्क में आना।

टाइफॉयड के लक्षण(Symptoms of Typhoid)

  • सिर दर्द,
  • कब्ज (Constipations),
  • पेट में दर्द,
  • अपर्याप्त भूख,
  • सिरदर्द(Body Pain),
  • दस्त (Diarrhea),
  • सुस्ती (Weakness),
  • थकान (fatigue),
  • आंतों में रक्तस्राव या छिद्रण,
  • लिवर पर सूजन – टाइफाइड के बैक्टीरिया काफी स्ट्रांग होते हैं। और अक्सर देखा जाता है कि करीब एक हफ्ता टाइफाइड से संक्रमित होने के बाद पेशेंट के लिवर का आकार बढ़ने लगता है।
  • बॉडी पर रेडनेस – टाइफाइड के मरीजों में आप चेस्ट और पेट पर लाल रंग के चकत्ते स्पॉट कर सकते हैं। ऐसा तब होता है जब बैक्टीरिया आपकी स्किन पर असर करने लगता है।

टाइफॉयड के उपचार

इसके लक्षण मरीज में दिखाई देते ही तुरन्त उपचार कराना चाहिये। टाइफॉयड के लिए एकमात्र प्रभावी उपचार एंटीबायोटिक्स है। टाइफॉयड के उपचार के लिए ciprofloxacin (for non-pregnant adults) और ceftriaxone एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है। एंटीबायोटिक्स के अलावा, पर्याप्त पानी पीने से भी इसके इलाज में फायदा मिलता है।अधिक गंभीर मामलों में, जहां आंत्र छिद्रित (bowel has become perforated) हो जाती है, सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

टाइफाइड के घरेलू उपचार

  • फ्लुइड्स का सेवन बढ़ाएं: यह डीहाइड्रेशन को दूर करने और टॉक्सिन्स और वेस्ट मटेरियल से छुटकारा पाने में मदद करता है।
  • एप्पल: इसका एसिडिक गुण, त्वचा से गर्मी को बाहर निकालने में मदद करता है, जो बदले में शरीर के तापमान को कम करता है।
  • लहसुन: इसके एंटी-माइक्रोबियल गुण बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। यह इम्मयून सिस्टम को भी बढ़ावा देगा और रिकवरी में तेजी लाने के लिए शरीर से टॉक्सिन्स को समाप्त करेगा।
  • तुलसी: इस जड़ी बूटी में एंटीबायोटिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो टाइफाइड पैदा करने वाले बैक्टीरिया से छुटकारा पाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह बुखार को कम करने, पेट को शांत करने और आपके इम्मयून सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • लौंग: इसके एसेंशियल ऑयल्स में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसके अलावा, लौंग दस्त और उल्टी को कम करने में मदद करती है।
  • केले: वे बुखार को कम करने और टाइफाइड से पीड़ित लोगों में दस्त का इलाज करने में मदद कर सकते हैं। केले में मौजूद पेक्टिन एक घुलनशील फाइबर है, जो आंत में फ्लुइड्स को अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे दस्त को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, केले में मौजूद पोटेशियम, बुखार और दस्त में खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को फिर से ठीक करने में मदद करता है।
  • छाछ: यह पेट के लिए अच्छा है और ठीक होने में मदद करता है। यह डीहाइड्रेशन से निपटने में भी मदद करता है।
  • कोल्ड कंप्रेस: यह बुखार में शरीर के तापमान को जल्दी कम करता है।
  • घर का बना ओआरएस(ORS): इसका उपयोग, फ्लूइड बैलेंस बनाए रखकर डीहाइड्रेशन को रोकने के लिए किया जाता है।
  • हाई न्यूट्रिशन वाले खाद्य पदार्थ खाएं।

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